हनुमान चालीसा के यह सिद्ध प्रयोग को किसी भी मंगलवार या शनिवार को ही शुरू करें और लगातार ७ मंगलवार या शनिवार तक करें। इस साधना के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
प्रयोग सामग्री:
- पीपल के 11 पत्ते
- 11 लाल गुलाब
- लाल चन्दन
- 1 नारियल
- 2 लौंग
- मिटटी का दिया
- सरसो का तेल
- बनारसी पान का बीड़ा
- 375 ग्राम मीठी बूंदी
हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग की विधि:
- मिटटी के दिए में सरसों का तेल डालकर उसमें २ लौंग डालकर प्रज्वलित कर लें।
- 375 ग्राम मीठी बूंदी को मिटटी के प्याले में डालकर हनुमानजी को भोग लगा दें।
- बनारसी पान का बीड़ा हनुमानजी को अर्पित कर दें।
- नारियल पर लाल चन्दन से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर हनुमानजी को अर्पित कर दें।
- पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धो लें। इन पत्तों पर लाल चंदन से प्रभु श्रीराम का नाम लिखें।
- इसके बाद ११ बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हर हनुमान चालीसा के पाठ की समाप्ति के बाद १ गुलाब का फूल और १ पीपल का पत्ता हनुमानजी को चढ़ा दें।
- अंत में लौंग वाले दिए से हनुमानजी की आरती करें।
यदि आप विधि के साथ यह सिद्ध प्रयोग नियमित रूप से करते हैं और पूरे मन से विश्वास करते हैं, तो आपकी सभी मनोकामनाएं हनुमानजी द्वारा पूरी हो सकती हैं। हनुमानजी का भक्ति और विश्वास बहुत शक्तिशाली है और उनके साधनाओं का प्रयोग आपके जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता है। जय श्री राम, जय हनुमान!
हनुमान चालीसा का सिद्ध प्रयोग कुछ इस प्रकार है:
- हनुमान चालीसा को प्रतिदिन एक, तीन, सात या एक सौ आठ बार पढ़ने से विशेष लाभ मिलता है.
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर नित्य पाठ करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
- मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.
- संकट या बीमारी में हनुमान चालीसा का जाप करने से तुरंत लाभ मिलता है.
- परीक्षा में सफलता के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें.
- दुश्मन से छुटकारा पाने के लिए सात मंगलवार तक चालीसा का पाठ करें.
- व्यापार-व्यवसाय में लाभ के लिए मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करके चालीसा पढ़ें.
- सुख-शांति और आरोग्य की प्राप्ति के लिए भी यह अत्यंत लाभदायक है.